तोर धरती तोर माटी रे भैय्या तोर धरती तोर माटी
लड़ई झगड़ा के काहे काम
जे ठन बेटा ते ठन नाम
हिंदू भाई ल करौ जैराम
मुस्लिम भाई ल करौ सलाम
धरती बर वो सबे बरोबर का हाथी का चांटी रे भैय्या
झम-झम बरसे सावन के बादर
घम-घम चले बियासी के नागर
बेरा टिहिरीयावत हे मुड़ी के ऊपर
खाले संगी तंय दू कौरा आगर
झुमर-झुमर के बादर बरसही चुचवाही गली मोहाटी रे भइया
फूले तोरई के सुंदर फुंदरा
जिनगी बचाये रे टूटहा कुंदरा
हमन अपन घर में जी संगी
देखो तो कइसे होगेन बसुंधरा
बड़े बिहनिया ले बेनी गंथा के धरती ह पारे हे पाटी रे
हमर छाती म पुक्कुल बनाके बैरी मन खेलत हे बांटी रे भैय्या
तोर धरती तोर माटी
– पवन दीवान